Sandalwood farming

Sandalwood farming details

दोस्तो आज हम आपको बताने वाले है की चंदन की खेती आप कैसे सुरु कर सकतें है।

यहां पर आपको (Sandalwood farming) की पूरी जानकारी सुरुवात से अंत तक दी गयी है

Chandan ki kheti करने के लिए हम निम्न बिंदुओं पर चर्चा करेंगे जिनकी जानकारी आपको होना बहुत जरुरी है

1-Sandalwood plantation की सुरवात कैसे करें ?

2-चन्दन की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु?

३- चन्दन की खेती में होस्ट मैनेजमेंट की करे?

४-चन्दन की खेती के नियम क्या है?

chandan ki kheti करने के दो तरीके।

A – चंदन का बीज sandalwood seed के द्वारा चंदन का पेड़ लगाना।

B – किसी भी नर्सरी से पेड़ खरीद कर sandalwood plant लगाना

दोस्तों चंदन की खेती (chandan ki kheti) शुरवात करने के लिए आप दो तरीकों से सुरु कर सकतें हैं पहला तरीका है बीज से चंदन के पेड़ को उगाने के बाद खुद चंदन की नर्सरी तैयार करके आप sandalwood Farming सुरु कर सकतें हो। इसके लिए सबसे पहले आपको चंदन के बहुत अच्छी क्वालिटी के बीज का चुनाव करना होगा, आपको बता दें चंदन का बीज (sandalwood seed)उनकी उपज के हिसाब से अलग अलग ग्रेडिंग का होता है तो यहां पर ध्यान देने वाली बात है की आपको उच्च क्वालिटी का बीज (sandalwood seed) ही लगाना है। वैसे दोस्तो चंदन के बीज की जर्मिनेशन बहुत ही कम होती है जैसे की जो टॉप क्वालिट का बीज होगा इसकी germination लगभग 50- 60% तक ही होती है।

sandalwood seed

अगर आपके पास पहले खेती (farming) का अनुभव नहीं है तो आपके लिए ये थोड़ा मुस्किल हो सकता है, ऐसे में आपको सीधे ही चंदन का पेड़ खरीद कर लगाना चाहिए।

चंदन का पेड़ बीज (sandalwood seed) के माध्यम से तैयार करने में एक समस्या यह भी होती है की, आपका थोड़ा ज्यादा समय लग जाता है जबकि नर्सरी से पेड़ खरीदने में वह समय आपका बच जता है। इस प्रकार आप मान ले की आपका लगभग १ साल का समय बच जाता है क्योंकि चंदन का पेड़ लगाने लायक लगभग एक साल बाद ही होता है।

दूसरा तरीका है किसी भी नर्सरी से सीधे ही पौधा खरीद कर आप भी चंदन की खेती (chandan ki kheti) शुरू कर सकते हैं। यहा पर ध्यान देने वाली बात यह है कि आपको किसी भी नर्सरी से चंदन का पेड़ लेते समय आपको निम्न बातो का ध्यान रखना चाहिये.

  • हमेशा स्वस्थ पेड़, जो हरा भरा हो जिस चंदन के पेड़ में बहुत सारी पत्तियों होनी चाहिये.
  • सबसे महत्वपूर्ण उसका तना गहरे डार्क ब्राउन रंग का होना चाहिए.
  • तने में मजबूती होनी चाहिए इसका अंदाजा आपको पेड़ को तने से पकड़ने में ही हो जाया करता है.
  • हमेशा ऐसे चंदन के पेड़ खरीदे जिसकी ऊंचाई कम से कम एक फीट की होनी चाहिए.

अगर १ फीट से ज्यादा ऊंचाई है तो वह आपके लिए बहुत अच्छा होता है। कई बार २ या ३ फीट के पेड़ लगाने पर आपको बहुत सावधानी देनी पड़ती है क्युकी इतने बड़े पेड़ की रूट या जड़े गमले से बाहर आई होती है, और पौधे को लगाते समय वह टूट सकती है, इसलिए ज्यादा बड़े पौधे भी खदीरनाभी कई बार नुकसान दायक हो सकता है।

sandalwood farming

चंदन की खेती sandalwood farming करते समय सबसे ज्यादा जरूरी है कि आपको चंदन की खेती (chandan ki kheti) के नियम को जानना ज़रूरी है। इसके लिए आप मेरे द्वारा लिखे गए आर्टिकल को भी पड़ सकते है जहां पर मेने विस्तार से चंदन की खेती के नियम को बताया है।

Chandan ki kheti ke Niyam.(Sandalwood farming rule)

चंदन की खेती के नियम (sandalwood farming)में सबसे पहले आपको चंदन का पेड़ लगाने की सूचना अपने तहसील मुख्यालय में देनी होती है, इसका सबसे बढ़िया तरीका यह है कि जब आपके चंदन के पेड़ २ से ३ साल के हो जाएं या उनकी ग्रोथ होने लगे जब आपके पदों की हाइट ३-४ फीट तक हो जाय और आपको लगे कि अब आपके चंदन की का पेड़ खराब नहीं होगा या डैमेज नहीं होगा तो अब आप इन पेड़ो को गिनती करके इसकी सूचना अपने तहसील मुख्यालय पर यह अपने फॉरेस्ट विभाग में फॉरेस्टर को एक लिखित सूचना पत्र दे सकते हैं, जिसमें उल्लेख होगा कि आप ने अपनी नाप की भूमि पर इतनी संख्या में चन्दन के पेड़ रोपित किए हैं जो कि पूर्णतया स्वस्थ हैं और यह मैंने व्यापार करने के उद्देश्य से लगाए हैं, तो जब यह जानकारी आप देते हैं इसका सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि आप जब अपने चंदन को की कटाई करवाते हैं तब आपको रावन्ना या जिसको ट्रांजिट पास बोलते हैं वह बनाने में बहुत आसानी होती है क्योंकि आपने पहले ही सरकार को सूचित किया है कि आपने यह चंदन के पेड़ (chandan ki kheti)अपनी मर्जी से अपनी जमीन पर लगाए हैं व्यापार करने के लिए इस तरीके से पहला डाक्यूमेंट्स होता है सूचना देना लिखित में सूचना देना अपने तहसील मुख्यालय पर या वन विभाग के किसी भी आपकी एरिया के किसी भी अधिकारी को सूचना पत्र देना.

red sandalwood log

अब बात करते हैं दोस्तों चंदन की खेती (chandan ki kheti) के लिए दूसरे किस डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है देखिये जो दूसरा डाक्यूमेंट्स है इसकी जरूरत चंदन की कटाई करते समय या चंदन को बेचते समय या चंदन की कहीं पर सप्लाई करते समय इस डाक्यूमेंट्स की जरूरत होती है, इस डाक्यूमेंट्स को ट्रांजिट पास या रावन्ना भी बोला जाता है ,दोस्तों इसके बिना अगर आप चंदन की कटाई करते हैं या चंदन को बैचते हैं तो यह पूरी तरीके से लीगल नही माना जाएगा आपको यह काम बिल्कुल भी नहीं करना है, आपको सबसे पहले इसके लिए रावन्ना बनाना है सबसे पहले दोस्तों चन्दन की कटाई की परमिशन ली जाती है जितने भी पेड़ आपके तैयार हैं या जितने भी पेड़ आप बेचना चाहते हैं तो उनकी कटाई की परमिशन आपको पहले लेनी होगी जो कि आप निम्अन स्पथान से प्नेराप्त कर सकते है

  • तहसील मुख्यालय में तहसीलदार से.
  • अपने एरिया के फॉरेस्ट डिपार्टमेंट वन विभाग से.
  • आप डिस्टिक मजिस्ट्रेट के द्वारा भी यह कटाई की परमिशन ले सकते हैं.

जब आपको चंदन के पेड़ की कटाई की परमिशन मिल जाती है तो अब आप उस पेड़ को कटाई कर सकते हैं और उसी के साथ दोस्तों रावन्ना बनता है, रावन्ना ने में उल्लेख होता है कि यह चंदन का पेड़ आपकी ही जमीन से और आपकी ही नाम की भूमि से विकसित हुआ है और आपके पास इसकी कटाई की या इसका व्यापार करने की परमिशन या अनुमति आपने सरकार से ले ली है तो यह दो चीजें दोस्तों साथ साथ होती हैं कटाई की परमिशन और रवन्ना का बनाना इसी के अनुसार आप अपने चंदन को कहीं भी भेज सकते हैं, और कही भी चन्पूदन को बैच सकते है.

बहुत सारे लोगों के पास कम संख्या में चंदन का पेड़ होते हैं, तो जिसमें उनको चन्दन को बेचने में दिक्कत आती है और दूसरी समस्या का सामना करना पड़ता है जब आप ने चंदन को लगाने की सूचना किसी भी अधिकारी को नहीं दिया और आप उसकी कटाई की परमिशन मांगने जाते हैं तो वहां पर भी आपको थोड़ा सा समय्श्य थोड़ा सा दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है,

बहरहाल दोस्तों यह दो तरीके हैं जिन तरीकों से आप चंदन की खेती (chandan ki kheti) बिना किसी रूकावट के संपूर्ण जानकारी के साथ कर सकते हैं इसके अलावा कैसे इसकी खेती होती है किस प्रकार की जलवायु में होती है उसके बारे में मैं आपको विस्तार से बताने वाला हूं

sandalwood farming details

दोस्तों चंदन की खेती (sandalwood farming) शुरू करने से पहले सबसे महत्वपूर्ण कारक होता है कि इसकी जलवायु का चयन करना किस प्रकार की जलवायु में चंदन का पेड़ भली-भांति फलता फूलता है वैसे आपको बता दूं दोस्तो अभी तक धारणा यह थी कि चंदन का पेड़ सिर्फ south India में दक्षिण भारत में ही उगाया जा सकता है लेकिन यह धारणा पूरी तरीके से गलत है और इस पर बहुत सारे प्रयोग हमने किए हैं दोस्तों अब चंदन का पेड़ पूरे भारतवर्ष में कहीं पर भी उगाया जा सकता है यहां तक कि जहां 3 से 4 महीने पूरे साल में बर्फ गिरती है वहां पर भी चंदन की खेती बहुत आसानी से हो रही है यह दोस्तों मैं आपको पूरे प्रयोगों के साथ आपको यह बात बता रहा हूं कि सफेद चंदन की खेती पूरे भारतवर्ष में कहीं पर भी हो सकती है. चन्वैदन की खेती के लिए य्सेप्युक्त जलवायु कुछ इस प्रकार होती है

  • तापमान की बात करें तो 5 डिग्री से लेकर 40 डिग्री सेंटीग्रेड तक का तापमान इसके लिए उपयुक्त माना गया है.
  • बलवी, दोमट, काली मिट्टी इसके लिए उपयुक्त मानी गई है.
  • जमीन का ph मान लगभग ६.५ to ७.५ होना चहिये.

दोस्तों चंदन का पेड़ तो जंगली पौधा है इसकी जितनी केयरिंग आप करते हैं यह पेड़ उतना ही कम पड़ता है इसलिए इसको जंगल की तरह आप बोलिए बहुत अच्छी ग्रुप जो आपकी ओ सर जमीन है उबड़ खाबड़ जमीन है पथरीलीजमीन है जिसका उपयोग आप नहीं कर रहे हैं खाली पड़ी जमीन पर आप चंदन की खेती सुरु, कीजिए यकीन मानो दोस्तों बहुत अच्छे रिजल्ट मिलेंगे आपको बहुत अच्छे परिणाम परिणाम आपको मिलने वाले हैं क्योंकि दोस्तों अक्सर देखा गया है अगर आप उसको समतल जमीन में चन्दन की खेती करते है तो चंदन कि ग्रोथ. में इतना ज्यादा इजाफा नहीं देखा गया है.

(sandalwood farming host management).

दोस्तों जब भी आप चंदन की खेती (chandan ki kheti) सुरु करें तो इसके साथ host plant जरूर लगाइए चंदन की खेती में मुख्यतः दो तरीके से होश प्लांट लगाए जाते हैं

  • primary host plant (प्राथमिक होस्ट प्लान्ट)
  • secondary host plant (दितीयक होस्ट प्लांट)

primary host plant प्राइमरी होश प्लांट के भीतर छोटी जो झाड वाली पेड़ होते हैं जैसे कि आप तोर की दाल, मटर की दाल,या अन्य दाले भी लगा सकते है, आप तुलसी भी लगा सकते हैं इस तरीके से जो झाड़ नुमा हमारे पौधे होते हैं वह आप लगा सकते हैं यह सभी प्राइमरी होस्ट के अंतर्गत आते हैं

अब बात करते हैं secondary host plant की दोस्तों द्वितीयक होस्ट प्लांट में आते हैं जो चंदन के समकक्ष पेड़ हैं वह ये पेड़ चन्दन के लिए होस्ट का काम करते है, जैसे मालाबार नीम, बबूल का पौधा इसके अलावा, अमरुद आप लगा सकते हैं, आंवला आप लगा सकते हैं,लीची आप लगा सकते हैं इस तरीके से और भी कई होस्ट आप लगा सकते हैं,

sandalwood host plant का होना बहुत जरूरी है दोस्तों क्योंकि होस्ट जो चंदन की ग्रोथ में मदद करता है और इसके पेड़ की ग्रोथ तभी होती है जब उस प्लांट आपका बहुत सही मात्रा में इसके आसपास host plant होता है,

दोस्तों इसमें आपको एक और महत्वपूर्ण बात का ध्यान रखना है primary host plant एक से डेढ़ साल तक काम करता है, यानी कि 2 साल तक आप मान सकते हैं कि प्राइमरी होस्ट प्लांट काम करता है उसके बाद जब पेड़ की ग्रोथ होना स्टार्ट हो जाता है पेड़ की ग्रोथ की शुरुआत हो जाती है तो आपको secondary host plant को लगाना बहुत जरूरी होता है, secondary host plant की दूरी चंदन के पेड़ से लगभग ढाई से 3 फीट की दूरी पर होना चाहिए इससे अधिक दूरी पर होने पर चंदन की जड़ें भली-भांति होस्टेरिया नहीं बना पाती हैं और अच्छी तरीके से कनेक्ट नहीं हो पाती है तो उस प्लांट के लिए अधिकतम दूरी ढाई से 3 फीट के बीच में चंदन के पेड़ के बीच में secondary host plant को लगाया जाता है

सारांश (summery) चन्दन की खेती

दोस्तों इस पोस्ट के अंदर मैंने आपको sandalwood farming की लगभग सारी बातें कवर कर दी हैं जो चंदन की खेती करते समय आपको ध्यान में रखनी चाहिए सबसे पहले दोस्तों हमने बात करी कि आप कैसे शुरुआत कर सकते हैं दो तरीकों से आप चंदन की खेती की शुरुआत कर सकते हैं पहला है बीज के द्वारा आप कहीं से इसका बीज खरीद सकते हैं और इस की नर्सरी तैयार करके खुद से ही sandalwood farming कर सकते हैं और दूसरा तरीका दोस्तों मैंने आपको बताया आप किसी नर्सरी से सीधे ही पेड़ खरीद कर के chandan ki kheti कर सकते हैं तो इस तरीके से 2 तरीके से आप sandalwood plantation स्टार्ट कर सकते हैं उसके बाद मैंने दोस्तों आपको बताया इसके लिए किस प्रकार के डॉक्यूमेंटेशन या चंदन की खेती के क्या नियम है उसके ऊपर मैंने आपको पूरी जानकारी दे दी है.

इसके बाद दोस्तों चंदन की खेती के लिए किस प्रकार की जलवायु उपयुक्त होती है पूरा प्रयोगात्मक तरीके से मैंने आपको बताया जो कि हमारे किसान भाइयों द्वारा प्रयोग किए गए हैं उनका जो रिजल्ट है परिणाम है उसके हिसाब से मैंने आपको बताया कि किस प्रकार की जलवायु में चंदन का पेड़ बहुत अछे तरीके से बढता है, और अंत में दोस्तों मैंने host मैनेजमेंट के बारे में आपको अच्छी तरह से समझाया कितने प्रकार के sandalwood host plant होते हैं और कैसे आपको sandalwood host management करना होता है यह सारी जानकारी मैंने इस पोस्ट के माध्यम से आपको दी है .

दोस्तों यह जानकारी आपको कैसी लगी जरूर बताइए अगर आपको जानकारी अच्छी लगी तो आप इस पोस्ट को शेयर कीजिए और अगर आपके कोई विचार है डाउट है तो आप कमेंट सेक्शन में लिख सकते हैं

दोस्तों पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद.

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